"जय श्री गणेश"
आज घर घर में ऋद्धि सिद्धि के दाता गणपति की स्थापना का दिवस है। शास्त्रों में पार्थिव गणपति की प्राण प्रतिष्ठा करने का विधान किया गया है। पार्थिव का तात्पर्य है पृथ्वी से उत्पन्न अर्थात मिट्टी से निर्मित गणपति की ही प्राण प्रतिष्ठा की जानी चाहिए क्योंकि प्राण प्रतिष्ठा करने वाला व्यक्ति अपने प्राणों के एक अंश को मूर्ति में स्थापित करता है। अतः मूर्ति भी इस शरीर के पञ्च महाभूतों के एक अंश जो कि केवल मिट्टी ही हो सकता है , की होनी चाहिए । एक विचार और है की हमने गणपति के जितने भी नाम सुने हैं वे सभी उनके विशेषण हैं जैसे गणपति,गणेश (क्योंकि वे शिवगण के अग्रणी हैं), चिंतामणि , लम्बोदर ,वक्रतुण्ड, विघ्नहर्ता आदि आदि। किन्तु उनका वास्तविक जन्म नाम क्या था ,इस बारे में कुछ स्पष्ट नहीं है। हमें भी अपने शोध में इस सम्बन्ध में कुछ विशेष नहीं मिला है,यदि आप में से किसी महानुभाव को इस बारे में कोई जानकारी हो तो कृपया कमेंट बॉक्स मे हमारे साथ अवश्य साझा करें , हम आपके ज्ञान और प्रेम से अभिभूत होंगे। "जय श्री गणेश"
1 Comment
Gopesh Tiwari
2/9/2019 06:11:16 pm
गणपति बप्पा मोरेया
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AuthorA creation of Kalpesh Wagh & Aashish soni Archives
March 2017
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